सोमवार, 9 अगस्त 2021

शहीदों के गांव शेरपुर में मंडरा रहा है कटान का खतरा


गाज़ीपुर। एशिया के कुछ एक बड़े गांवो में शुमार हमारा शहीदी गांव शेरपुर जो अपनी पहचान का मोहताज नहीं है (सन 1942 का जन विद्रोह और फिर एक दिन में ही गांव के आठ लाल अपने प्राणों की आहुति हंसते देश की स्वतंत्रता के लिए दे दिए और अनगिनत नवयुवक स्वतंत्रता संग्राम की हवन कुंड में हंसते हुए अपने आपको झोंकने से नही कतराए)। आज वही गांव सरकारी उदासीनता के चलते अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है और उसपर गंगा के कटान का बड़ा खतरा मंडराने लगा है। और यह कुछ महीनों कुछ सालों से नहीं दशकों से उदासीनता का शिकार बना हुआ है यहां। चुनाव में बड़े-बड़े दिग्गज आते हैं वोट के लिए बहुत सारे लोक लुभावन वादे भी करते हैं कुछ लोग तो भीष्मपितामह की तरह गंगा की धारा बदलने तक की बात कर चुके हैं लेकिन धरातल पर देखा जाए तो वह केवल राजनीतिक रोटियां ही सेंकी गई है गांव के अस्तित्व से उनका कोई सरोकार या लेना देना नहीं होता है। इसी गांव का एक भाग सेमरा पहले से ही ऐसी कटान से अपना अस्तित्व गवां चुका है और आज भी वहां के रहने वाले लोग विस्थापितों की जिंदगी जी रहे हैं। लेकिन ये चुनावी सपोले तभी वोट रूपी दूध पीने आते हैं जब चुनाव आता है और उसके बाद फन उठाए उन्ही वोटर को डसने के लिए तैयार रहते है। अभी कान्हा एकदम से सरासर अन्याय होगा कि इस पर कुछ काम नहीं हुआ है बरसात से पहले थोड़ा सा प्रशासन इस गांव के लिए एक्टिव मोड में आता है बोल्डर गिराता है और बाढ़ में बह जाता है। वास्तव में अगर कहा जाए तो मात्र दिखावे के लिए प्रशासन गांव के लिए काम करता है जबकि वास्ता में ये काम भी अपने पाकिट को भरने के लिए करता है क्योंकि बोल्डर चाहे दो ट्रक गिराया दो हजार ट्रक बरसात से ठीक पहले कागजी खाना पूर्ति जोरो पर करके बाढ़ में बह दिया जाता है। इसमें माननीय लोगों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारियों की ही केवल बल्ले बल्ले रहती है गांव वासियों के लिए तो अस्तित्व का संकट हमेशा बना ही रहा है। समय रहते अगर यह काम नहीं हुआ तो हमारा ऐतिहासिक गांव गंगा में विलीन हो जाएगा। इतनी बड़ी आबादी फुटपाथ पर आ जाएगी इतने सारे लोग बेघर हो जाएंगे और जब वह भयावह स्थिति हमारे सामने आएगी फिर क्या होगा कैसा वह दृश्य होगा इसका सोच सोचकर भी आत्मा हिल जाती है आने वाला वर्ष प्रदेश में चुनावी वर्ष होगा और चुनावी वर्ष में इस तरह की समस्याओं के लिए वादे और दावे फिर से जरूर किए जायेंगे। लेकिन यह ऐतिहासिक गांव गंगा में विलीन होकर इतिहास बने उससे पहले बच जाए और अब तो सही में भगवान ही मालिक है इस त्रासदी का।

पत्रकार रविदेव गिरि

गाजीपुर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने बाढ़ क्षेत्रों का किया निरीक्षण

गाजीपुर। गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सोमवार को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ नाव से विभिन्न गांव के दौरा किया। बाढ़ की स्थित को देखते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद और पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ नाव से ब्लाक क्षेत्र के नसीरपुर, अठाहठा, बीरउपुर, नगदिलपुर, परमानंदपुर आदि गांवों का दौरा किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम प्रधान, सचिव, लेखपाल, आशा, एएनएम, गांव में कैम्प करेंगे तथा लोगों समस्या को सुनेंगे और उसका निस्तारण जल्द से जल्द करेंगे। कहा कि किसी को भी थोड़ी भी तबियत खराब हो तो तत्काल इसकी सूचना आशा एएनएम तथा डाक्टर को दें।
कोटेदारों से कहा कि किसी का भी अनाज बकाया नहीं रहना चाहिए। पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि गांव में घूमकर कर कैंप करें। कहा कि कोई भी परिवार भूखा नहीं सोएगा, सबके लिए अनाज तथा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था तत्काल कराई जाएगी। कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने कई समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। डीएम ने उसका समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान एसडीएम सेवराई रमेश मौर्य, रेवतीपुर वीडीओ सुरेंद्र सिंह राणा एवं क्षेत्रीय लेखपाल, सचिव आदि मौजूद रहे।

गंगा नदी में छलांग लगाकर युवक ने दे दी जान

गाजीपुर । गंगा नदी में युवक ने छलांग लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के गोरा बाजार निवासी सूरज गुप्ता (20) रविवार की रात किसी बात को लेकर नगर के बड़ा महादेव घाट पर पहुंच कर गंगा नदी में छलांग लगा दी। इस मामले में गोरा बाजार चौकी प्रभारी सुनील कुमार तिवारी बताया कि गोताखोरों की मदद से युवक का शव को बरामद कर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

कार की टक्कर लेकिन बाल-बाल बचे लोग

(दुल्लहपुर)गाजीपुर। स्थानीय थाना क्षेत्रांतर्गत अमारी रेलवे क्रासिंग पर शुक्रवार की देर रात एक तेज रफ्ता...