शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

असलहा तस्करी में जीआरपी व आरपीएफ भी निशाने पर

मऊ: शहर के दो स्थानों से छापेमारी कर पकड़ी गई अवैध असलहा फैक्ट्री के बाद स्थानीय पुलिस के अलावा जीआरपी व आरपीएफ पुलिस भी निशाने पर हैं। तीन महिलाएं अर्धनिर्मित असलहा छिपाकर हर माह ट्रेन से बिहार के मुंगेर तक जाती रहीं और किसी को पता तक नहीं चला।

जबकि रेलवे मऊ से लेकर बिहार रेलवे तक पुलिस तैनात रहती है। ट्रेन संचालन के दौरान भी पुलिस रहती हैं।

बिहार, गोरखपुर एसटीएफ सहित जनपद के दो थानों की पुलिस की संयुक्त टीम ने 12 घंटे तक अथक परिश्रम के साथ अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। दक्षिणटोला थाना के प्यारेपुरा में शबाना व कोतवाली के रघुनाथपुरा में शबनम बानों अपने परिवार के साथ मकान बनवाकर रहती थीं। बारह साल पहले ही मकान निर्माण के दौरान ही इन लोगों ने भूखंड बनवाया था। इन दोनों आवासों में असलहा बनाया जाता है और इसकी तस्करी की जाती थी। यही नहीं शबनम बानों, शबाना और रूबीना अंसारी हर माह में दो बार बिहार के मुंगेर असलहा का सामान लेकर जाती थीं। मऊ रेलवे स्टेशन पर रेलवे व जीआरपी पुलिस भी लोगों के सामानों की चेकिग करती है। कभी जीआरपी ने इन महिलाओं की चेकिग नहीं की। इतना बड़े अवैध कारोबार की भनक स्थानीय पुलिस व जीआरपी को नहीं चल पाती है लेकिन बिहार एसटीएफ ने इसका सुराग लगाकर यहां छापा मारा।

चूंकि महिलाएं इस कारोबार को अंजाम दे रही थीं इसलिए कोई परख नहीं पा रहा था। रिमांड पर लिए जाने के बाद आरोपितों से अधिक जानकारी मिल सकती है। इनके तार कई प्रदेशों से भी जुड़ सकते हैं। ऐसे में पुलिस की सीओ सिटी के नेतृत्व में कई टीमें गठित कर दी गई हैं।

रिपोर्ट- विशाल गिरि

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