घाघरा का जलस्तर मऊ में लगातार बढ़ रहा है। नदी लाल निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों के लोगों की नींद उड़ गई है। दोहरीघाट कस्बे में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। किसानों की हजारों एकड़ फसल डूब चुकी है। उधर, प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है।
घाघरा नदी के खतरा निशान पार करते ही तटवर्ती इलाको में दहशत बढ़ गई है। घाघरा का खतरा बिंदु 69.90 मीटर है। गौरीशंकर घाट पर नदी का जलस्तर मंगलवार को 69.95 मीटर है। वहीं सोमवार को जलस्तर 69.90 मीटर पर था। ऐसे में बीते 24 घंटे में जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। नदी का खतरा बिंदु पार करते ही धनौली लोहड़ा बांध, नौली चिउतीडाड़ रिंग बंधा तथा बीबीपुर बेलौली बंधों पर खतरा बढ़ने लगा है।
कस्बे(town) में भी नदी(river) का पानी घुसने की आशंका से लोग भयभीत हैं।
भारत माता मंदिर की दीवार से टकरा रही लहरें नदी की लहरें भारत माता मंदिर की दीवार से टकरा रही हैं। इससे नगर की ऐतिहासिक धरोहरों मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, डीह बाबा का मंदिर, लोक निर्माण का डाक(post) बंगला, हनुमान मंदिर तथा शाही मस्जिद पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं तटवर्ती इलाके धनौली रामपुर, नईबाजार, नवली, चिऊटीडांड, पतनई, सरया, ठाकुर गांव, बीबीपुर, कोरौली, बेलौली, पाऊस, महुआ बारी, ठीकरहिया, महाबारी, रसूलपुर, सूरजपुर आदि गांवो में पानी घुसने के डर से लोग भयभीत हैं। बाढ़ से बचाव के लिए पांच बाढ़ चौकियों और सात बाढ़ शरणालयों को सक्रिय कर दिया गया है। एडीएम के. हरि सिंह ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। एसडीएम और तहसीलदार को बाढ़ पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने नहीं की नाव की व्यवस्था घाघरा का जलस्तर तेजी से बढने से लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। दुबारी क्षेत्र में नालों के रास्ते निचले इलाकों में पानी भर गया है। दर्जनों संपर्क गांव पानी से डूब गए हैं। बिंद टोलिया सहित तीन किलोमीटर के दायरे में कटान जारी है। प्रतिदिन लगभग 15 बीघा जमीन नदी में विलीन हो रही है। एक दर्जन से अधिक गांव नदी के घेरे में आ गए हैं। पशुओं के चारे का संकट बढ़ने लगा है। लेकिन, अभी तक प्रशासन की तरफ से नाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है।