गुरुवार, 2 सितंबर 2021

गाजीपुर: बच्चों का भविष्य हो रहा है बर्बाद...नवनियुक्त बीईओ ने ततैया (स्कूल न जाने वाले शिक्षकों) के छत्ते को खोद दिया है

गाजीपुर।नवनियुक्त बीईओ ने ततैया (स्कूल न जाने वाले शिक्षकों) के छत्ते को खोद दिया है, ततैया का छत्ता तो सभी लोग जानते होंगे, कुछ लोग इन्हें बर्रे भी कहते हैं। मक्खी समूह का यह ऐसा जीव है जो देखने में अपने पीले रंग के कारण सुंदर होता है लेकिन ये सुंदर दिखने वाला बर्रे बहुत विषैला होता है और बिना किसी काम का होता है इसके छत्ते से रस भी नहीं निकलता। चालाक लोग अपने आस पास इनको छत्ता बनाने ही नहीं देते। 
    इस ततैया(स्कूल न जाने वाले शिक्षकों) पर नियंत्रण नहीं हुआ तो ये ततैया समूह अपनी कामचोरी और अकड़ से बहुत से बच्चों का भविष्य बर्बाद कर देगा। 
   गाजीपुर सहित पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण वर्षों से बंद पड़े प्राथमिक विद्यालय शासन के आदेश पर 1 सितंबर से खोल दिये गये हैं। सरकार का निर्देश है कि बच्चों को स्कूल जाने और कोरोना संक्रमण से बचते हुए पढाई करने का अच्छा वातावरण बनाया जाय ।  बच्चों के अभिभावकों सहित माता-पिता ये सपने बुन रहे हैं कि अब उनके लाडले स्कूल जाकर मास्टर साहब लोगों से पढ़ेंगे - लिखेंगे और संस्कार तथा अनुशासन की शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य उज्जवल बनाने की ओर कदम बढ़ायेंगे। लेकिन उनके सपनों को चकनाचूर करने का काम कर रही है शिक्षक संगठनों की कथित भ्रष्टाचार की राजनीति। पिछले एक महीने से शिक्षक नेता और बीईओ आपस में एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।
       अभी दो माह पहले ही नौकरी पाये युवा बीईओ रमेश श्रीवास्तव कह रहे हैं कि कुछ शिक्षक नियमित स्कूल नहीं जाते हैं और जब मैं नियमित करने का प्रयास करता हूँ तो मेरे विरूद्ध मेरे ही आफिस के कर्मचारियों को मिलाकर षड़यंत्र कर झूठे और मनगढंत आरोप लगाया जा रहा है। मैने कुछ शिक्षकों से स्कूल न जाने के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा, तो शिक्षक नेता का करीबी और मेरे आफिस का कर्मचारी शिवाजी सिंह बिना पत्रांक संख्या और डेट डाले कारण बताओ नोटिस शिक्षकों को भेज दिया। और फिर उसी आधार पर मुझपर अनर्गल आरोप लगाया जा रहा है। जबकि 
 शिक्षक संगठन के नेता अनंत सिंह का कहना है कि बीईओ की भाषा अमर्यादित है तथा जानबूझकर पैसा दोहन करने के लिए स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति चेक करते हैं।  सुनने में आ रहा है कि दोनों मामलों की जांच भी हो रही है। कोइरीपुरवा गांव के लोग कह रहे हैं कि प्रधानाध्यापक अनंत सिंह की जांच करने वाली कोई टीम अभी तक गांव के लोगों से नहीं मिली है। अनंत सिंह के स्कूल न जाने की जानकारी जांच टीम किससे कर रही है, पता नहीं। 
      लोगों का कहना है कि इन लोगों के इस घटिया और घिनौनी राजनीति में गरीब वर्ग के लोगों के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।
   *सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में करंडा के लोगों से पूछने पर अधिकांश लोग शिक्षकों के स्कूल न आने तथा स्कूल पहुंचने के बाद भी बच्चों को ठीक से "न" पढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। कुछ लोगों में तो इतना गुस्सा है कि वो 20 % शिक्षकों को छोड़ बाकी के बारे में बहुत ही क्रोध में नकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।*  वहीं शिक्षक और उनके परिवार से जुड़े कुछ लोग बीईओ पर भी अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगा रहे हैं।
    *कुल मिलाकर यही कहा जा रहा है कि भ्रष्ट और निकम्मे शिक्षकों तथा उनपर नकेल कसने का प्रयास करने में धनउगाही के आरोपी नये नवेले बीईओ रमेश श्रीवास्तव की लड़ाई में बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।*

रिपोर्टर - अमित उपाध्याय

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